शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

ऋषभ उवाच: गुलज़ार : गुफ़्तगू के दौरान

ऋषभ उवाच: गुलज़ार : गुफ़्तगू के दौरान
आमने सामने बैटकर गुलजार साहब को सुनना जीवन का स्मरणीय पल खुली आँख का सपना

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