tag:blogger.com,1999:blog-8795543086621901870.post4042526180318436220..comments2014-04-07T12:43:58.332-07:00Comments on शब्दम्: रहते जैसे नदिया पानीVinita Sharmahttp://www.blogger.com/profile/18145224555866055396noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8795543086621901870.post-37804707747869263392011-04-28T10:30:32.772-07:002011-04-28T10:30:32.772-07:00‘ प्यार कवच हो संबन्धो का भूल चूक से खेद नही हो
...‘ प्यार कवच हो संबन्धो का भूल चूक से खेद नही हो<br /> कह न सको तो पाती लिखकर दुहरा देना बात बयानी’<br /><br />मधुर संबंधों की बुलंदियों को छूते विचार। सुंदर कविता के लिए बधाई विनिता शर्मा जी॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.com